हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.97.35

मंडल 9 → सूक्त 97 → श्लोक 35 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 97
सोमं॒ गावो॑ धे॒नवो॑ वावशा॒नाः सोमं॒ विप्रा॑ म॒तिभिः॑ पृ॒च्छमा॑नाः । सोमः॑ सु॒तः पू॑यते अ॒ज्यमा॑नः॒ सोमे॑ अ॒र्कास्त्रि॒ष्टुभः॒ सं न॑वन्ते ॥ (३५)
प्रसन्न करने वाली गाएं सोम की कामना करती हैं. मेधावी स्तोता अपनी स्तुतियों द्वारा सोम को पूछते हैं. गायों के दूध से मिले हुए एवं निचुड़े हुए सोम ऋत्विजों द्वारा शुद्ध किए जाते हैं. त्रिष्टुप्‌ छंद में बोले गए मंत्र सोम के पास जाते हैं. (३५)
The pleasing songs wish for Som. The meritorious stota asks Mon by his praises. The milk of cows is purified by the som ritvijs mixed with milk and squeezed. The mantras spoken in the Trishtupana go to Som. (35)