हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 11.3.12

अध्याय 11 → खंड 3 → मंत्र 12 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 11)

सामवेद: | खंड: 3
मा पापत्वाय नो नरेन्द्राग्नी माभिशस्तये । मा नो रीरधतं निदे ॥ (१२)
हे अग्नि! हे इंद्र! आप नेता व उन्नतिकारक हैं. आप हमें पाप व मारधाड़ (हिंसा) से बचाइए. आप हमें निंदनीय कार्यो से दूर रखें. (१२)
O agni! O Indra! You are a leader and a progressive. You save us from sin and violence. You keep us away from condemnable acts. (12)