हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 11.7.1

अध्याय 11 → खंड 7 → मंत्र 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 11)

सामवेद: | खंड: 7
अग्निं वो वृधन्तमध्वराणां पुरूतमम् । अच्छा नप्त्रे सहस्वते ॥ (१)
हे यजमानो! अग्नि अकूत शक्ति के भंडार हैं. वह बढ़ोतरी करने वाले व श्रेष्ठतम हैं. आप सभी अग्नि के निकट पहुंचिए. (१)
O hosts! Agni is a storehouse of immense power. He is the grower and the best. You all get close to the agni. (1)