हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 12.1.6

अध्याय 12 → खंड 1 → मंत्र 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 12)

सामवेद: | खंड: 1
जज्ञानो वाचमिष्यसि पवमान विधर्मणि । क्रन्दं देवो न सूर्यः ॥ (६)
हे सोम! आप सूर्य जैसे दीप्तिमान हैं. आप वाणी से पवित्रता को प्राप्त होते हैं. आप आवाज करते हुए द्रोणकलश में जाते हैं. (६)
O Mon! You are as bright as the sun. You attain purity through speech. You go to Dronakalsh while making a sound. (6)