सामवेद (अध्याय 12)
उत नो गोविदश्ववित्पवस्व सोमान्धसा । मक्षूतमेभिरहभिः ॥ (१०)
हे सोम! आप हमें गोवान व अश्ववान बनाइए. आप हमें अकूत वैभव प्रदान कीजिए. (१०)
O Mon! You make us Goans and Horses. You give us immense glory. (10)
अध्याय 12 → खंड 2 → मंत्र 10 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation