हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 13.1.14

अध्याय 13 → खंड 1 → मंत्र 14 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 13)

सामवेद: | खंड: 1
तं त्वा मदाय घृष्वय उ लोककृत्नुमीमहे । तव प्रशस्तये महे ॥ (१४)
हे सोम! आप लोक कल्याण के लिए शन्रुनाशक हैं. हम महान स्तोत्रों से आप की प्रशंसा करते हैं. (१४)
O Mon! You are a destroyer for public welfare. We admire you from the great hymns. (14)