हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 13.1.16

अध्याय 13 → खंड 1 → मंत्र 16 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 13)

सामवेद: | खंड: 1
अस्मभ्यमिन्दविन्द्रियं मधोः पवस्व धारया । पर्जन्यो वृष्टिमाँ इव ॥ (१६)
हे सोम! बादलों से होने वाली बरसात के समान आप अपनी पवित्र मधुर धाराओं से हमारे लिए अमृत बरसाने की कृपा कीजिए. (१६)
O Mon! Like the rain from the clouds, please shower nectar for us with your holy sweet streams. (16)