सामवेद (अध्याय 13)
पवस्व देववीरति पवित्रँ सोम रँह्या । इन्द्रमिन्दो वृषा विश ॥ (७)
हे सोम! आप पवित्र हैं. आप देवशक्तियों के निकट हैं. आप वेग से शोधित होने की कृपा कीजिए. आप इंद्र के लिए प्रतिस्थापित होने की कृपा कीजिए. (७)
O Mon! You are holy. You are close to the gods. Please be faster researched. Please be substituted for Indra. (7)