हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 14.2.8

अध्याय 14 → खंड 2 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 14)

सामवेद: | खंड: 2
आ मित्रे वरुणे भगे मधोः पवन्त ऊर्मयः । विदाना अस्य शक्मभिः ॥ (८)
हे सोम! यजमान आप को (आप की सामर्थ्य को) जान सकें. मित्र, वरुण व भग के लिए आप की मधुर एवं पवित्र लहरें उमड़ती हैं. (८)
O Mon! May the host know you (your power). For friends, Varun and Bhag, your sweet and holy waves rise. (8)