हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 14.3.8

अध्याय 14 → खंड 3 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 14)

सामवेद: | खंड: 3
इन्द्रा याहि धियेषितो विप्रजूतः सुतावतः । उप ब्रह्माणि वाघतः ॥ (८)
हे इंद्र! बुद्धि से आप तक पहुंचा जा सकता है. आप को ब्राह्मण बुलाते हैं. आप ब्रह्मवचनों को सुनने के लिए यज्ञ में पधारने की कृपा कीजिए. (८)
O Indra! You can be reached with intelligence. You are called Brahmins. Please come to the yajna to listen to the Brahmavachans. (8)