हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 15.1.10

अध्याय 15 → खंड 1 → मंत्र 10 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 15)

सामवेद: | खंड: 1
मघोन आ पवस्व नो जहि विश्वा अप द्विषः । इन्दो सखायमा विश ॥ (१०)
हे सोम! आप पवित्र हैं. आप हमें धनवान बनाइए. आप द्वेषियों का नाश कीजिए. इंद्र आप के सखा हैं. आप उन के साथ एकाकार हो जाइए. (१०)
O Mon! You are holy. You make us rich. You destroy the malice. Indra is your friend. You unite with them. (10)