सामवेद (अध्याय 15)
अया वीती परि स्रव यस्त इन्दो मदेष्वा । अवाहन्नवतीर्नव ॥ (१)
हे सोम! आप इंद्र के लिए परिष्कृत होइए. आप इंद्र को आनंद प्रदान कीजिए. आप नएनए कष्टों को दूर करने की कृपा कीजिए. (१)
O Mon! You be sophisticated for Indra. You give pleasure to Indra. Please remove your sufferings. (1)
सामवेद (अध्याय 15)
पुरः सद्य इत्थाधिये दिवोदासाय शम्बरम् । अध त्यं तुर्वशं यदुम् ॥ (२)
हे सोम! आप का रस पीने के बाद ही इंद्र ने शंबरासुर, तुर्वश और यदु को मारा. इन तीनों का नाश इंद्र ने यज्ञ करने वाले दिवोदास के लिए किया. (२)
O Mon! It was only after drinking your juice that Indra killed Shambrasura, Turvasha and Yadu. Indra destroyed these three for Divodas, who performed the yagna. (2)
सामवेद (अध्याय 15)
परि नो अश्वमश्वविद्गोमदिन्दो हिरण्यवत् । क्षरा सहस्रिणीरिषः ॥ (३)
हे सोम! आप हमें अश्चों का ज्ञाता बनाइए. आप हमें अश्ववान, गोवान व स्वर्णवान बनाइए. आप सहस्र धाराओं से झरने की कृपा कीजिए. (३)
O Mon! You make us knowers of horses. You make us horse- and goan and golden. Please shower thousands of streams. (3)
सामवेद (अध्याय 15)
अपघ्नन्पवते मृधोऽप सोमो अराव्णः । गच्छन्निन्द्रस्य निष्कृतम् ॥ (४)
सोमरस इंद्र के पवित्र स्थान तक (पवित्र हो कर) पहुंचता है. वह मधुर और जल मिश्रित है. उस के विकारों को दूर कर के उसे स्वच्छ कर दिया गया है. (४)
Someras reaches the holy place of Indra (by becoming holy). She is sweet and water mixed. His disorders have been removed and cleaned. (4)
सामवेद (अध्याय 15)
महो नो राय आ भर पवमान जही मृधः । रास्वेन्दो वीरवद्यशः ॥ (५)
हे सोम! आप पवित्र हैं. आप हमें धनवान तथा वीरों की भांति यशस्वी बनाने की कृपा कीजिए. (५)
O Mon! You are holy. Please make us rich and as successful as heroes. (5)
सामवेद (अध्याय 15)
न त्वा शतं च न ह्रुतो राधो दित्सन्तमा मिनन् । यत्पुनानो मखस्यसे ॥ (६)
हे सोम! आप पवित्र हैं. आप को अपने यज्ञकर्ताओं को धन देने से कोई नहीं रोक सकता, यहां तक कि सैकड़ों शत्रु भी. (६)
O Mon! You are holy. No one can stop you from giving money to your yagyakars, even hundreds of enemies. (6)
सामवेद (अध्याय 15)
अया पवस्व धारया यया सूर्यमरोचयः । हिन्वानो मानुषीरपः ॥ (७)
हे सोम! आप अपनी (चमकने वाली) पवित्र धाराओं से सूर्य को चमकाइए. सूर्य मनुष्यों के लिए जल बरसाने वाले हैं. (७)
O Mon! You shine the sun with your (shining) holy streams. The sun is going to rain water for humans. (7)
सामवेद (अध्याय 15)
अयुक्त सूर एतशं पवमानो मनावधि । अन्तरिक्षेण यातवे ॥ (८)
हे सोम! आप पवित्र हैं. आप यजमानों की मनोकामना पूरी करने के लिए अंतरिक्ष जैसा विस्तार प्रदान करने की कृपा कीजिए. (८)
O Mon! You are holy. Please provide space-like extension to fulfill the wishes of the hosts. (8)