हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 16.12.8

अध्याय 16 → खंड 12 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 16)

सामवेद: | खंड: 12
यत्सानोः सान्वारुहो भूर्यस्पष्ट कर्त्त्वम् । तदिन्द्रो अर्थं चेतति यूथेन वृष्णिरेजति ॥ (८)
यजमान सोमवल्ली आदि समिधा लाने के लिए पर्वत के शिखर पर जाते हैं. वे अनेक कर्म वाले यज्ञ करते हैं. इंद्र यजन करने वाले यजमान के मन के उददेश्य को जान जाते हैं. तब वे यजमान की इच्छा पूरी करने के लिए अन्य देवताओं के साथ यज्ञ में जाने के लिए तैयार होते हैं. (८)
The hosts go to the top of the mountain to bring Somvalli etc. samidha. They perform yajna with many deeds. Indra knows the purpose of the mind of the host who does it. Then they are ready to go to the yagna with other gods to fulfill the wish of the host. (8)