हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 18.2.6

अध्याय 18 → खंड 2 → मंत्र 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 18)

सामवेद: | खंड: 2
आ सोता परि षिञ्चताश्वं न स्तोममप्तुरँ रजस्तुरम् । वनप्रक्षमुदप्रुतम् ॥ (६)
हे यजमानो! सोमरस घोड़े की तरह वेगवान, जलमय व प्रकाश का विस्तारक है. आप सोमरस छान कर, जल में मिला कर तैयार कीजिए. (६)
O hosts! Somerus is as fast as a horse, watery and expander of light. You filter someras, mix it in water and prepare it. (6)