सामवेद (अध्याय 19)
तदिदास भुवनेषु ज्येष्टं यतो जज्ञा उग्रस्त्वेषनृम्णः । सद्यो जज्ञानो नि रिणाति शत्रूननु यं विश्वे मदन्त्यूमाः ॥ (४)
सभी भुवनों में वे ब्रह्म सब से बड़े कहलाए, सर्वत्र उन की दीप्ति व्याप्त हुई. उन के बल से सूर्य प्रकट हुए, जिन के प्रकट होने से शत्रु समाप्त हो जाते हैं. सभी प्राणी उन्हें देखते ही खुश हो जाते है. (४)
Among all bhuvanas, he was called Brahman the greatest, his radiance spread everywhere. The sun appeared by their strength, by whose appearance the enemies are eliminated. All beings are happy to see them. (4)