हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 2.6.7

अध्याय 2 → खंड 6 → मंत्र 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 2)

सामवेद: | खंड: 6
सदसस्पतिमद्भुतं प्रियमिन्द्रस्य काम्यम् । सनिं मेधामयासिषम् ॥ (७)
हे इंद्र! आप अपूर्व, इच्छित धन देने वाले और श्रेष्ठ हैं. अपनी बुद्धि को बढ़ाने के लिए हम ने आप को प्राप्त किया. (७)
O Indra! You are unique, the giver of the desired wealth and the best. To increase our intelligence, we gained you. (7)