हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 20.3.8

अध्याय 20 → खंड 3 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 20)

सामवेद: | खंड: 3
अग्ने पवस्व स्वपा अस्मे वर्चः सुवीर्यम् । दधद्रयिं मयि योषम् ॥ (८)
हे अग्नि! आप पोषक अन्न व धन धारण करिए. आप हमें शक्ति व श्रेष्ठ संतान दीजिए और पवित्र बनाइए. (८)
O agni! You should wear nutritious food and wealth. You give us strength and superior children and make us pure. (8)