हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 21.3.7

अध्याय 21 → खंड 3 → मंत्र 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 21)

सामवेद: | खंड: 3
स इधानो वसुष्कविरग्निरीडेन्यो गिरा । रेवदस्मभ्यं पुर्वणीक दीदिहि ॥ (७)
हे अग्नि! आप सब के लिए आवासदाता हैं. ज्ञान से भरी स्तुति से आप की उपासना की जाती है. आप प्रकाशमान हैं. आप हमें प्रकाशमान संपदा दीजिए. (७)
O agni! You are the giver of all. You are worshiped with praise full of knowledge. You are shining. You give us the vibrant wealth. (7)