हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 21.4.8

अध्याय 21 → खंड 4 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 21)

सामवेद: | खंड: 4
यस्य त्रिधात्ववृतं बर्हिस्तस्थावसन्दिनम् । आपश्चिन्नि दधा पदम् ॥ (८)
हे अग्नि! आप में जल भी विद्यमान हैं. आप के चारों ओर यज्ञकुंड के पास कुश के आसन बिछे हैं. हम आप की उपासना करते हैं. (८)
O agni! Water is also present in you. Kush's asanas are laid near the Yagyakund around you. We worship you. (8)