हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 22.4.8

अध्याय 22 → खंड 4 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 22)

सामवेद: | खंड: 4
स नो हरीणां पत इन्दो देवप्सरस्तमः । सखेव सख्ये नर्यो रुचे भव ॥ (८)
हे सोम! आप हरे हैं. आप देवताओं द्वारा ईप्सिततम (सब से ज्यादा चाहे गए) हैं. आप उसी तरह हम में रुचि लेते हैं, जैसे एक मित्र दूसरे मित्र का सहयोग करने के लिए रुचि लेता है. (८)
O Mon! You're green. You are the most wanted by the gods. You are interested in us in the same way that one friend takes an interest in cooperating with another friend. (8)