हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 23.2.9

अध्याय 23 → खंड 2 → मंत्र 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 23)

सामवेद: | खंड: 2
स नो दूराच्चासाच्च नि मर्त्यादघायोः । पाहि सदमिद्विश्वायुः ॥ (९)
हे अग्नि! आप मनुष्यों का भला चाहते हैं. आप दूर और पास दोनों दृष्टियों से शत्रुओं से हमारी रक्षा करने की कृपा कीजिए. (९)
O agni! You want the good of human beings. Please protect us from enemies both far and near. (9)