सामवेद (अध्याय 24)
त्रीणि पदा वि चक्रमे विष्णुर्गोपा अदाभ्यः । अतो धर्माणि धारयन् ॥ (२)
विष्णु अपने तीन पैरों में धर्म को धारण करते हुए संसार को संचालित करते हैं. वे सर्वत्र व्याप्त हैं. (२)
Vishnu conducts the world by wearing dharma in his three legs. They are everywhere. (2)