सामवेद (अध्याय 24)
तद्विष्णोः परमं पदँ सदा पश्यन्ति सूरयः । दिवीव चक्षुराततम् ॥ (४)
स्वर्गलोक में स्थित सूर्य को जैसे साधारण आंखों से आसानी से देख सकते हैं, वैसे ही बुद्धिमान यजमान विष्णु के परमपद को देख लेते हैं. (४)
Just as you can easily see the sun in heaven with ordinary eyes, so the wise host sees the supreme position of Vishnu. (4)