हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 24.3.7

अध्याय 24 → खंड 3 → मंत्र 7 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 24)

सामवेद: | खंड: 3
स मामृजे तिरो अण्वानि मेष्यो मीड्वान्त्सप्तिर्न वाजयुः । अनुमाद्यः पवमानो मनीषिभिः सोमो विप्रेभिरृक्वभिः ॥ (७)
ब्राह्मण ऋत्विज्‌ सोमरस को पवित्र कर रहे हैं. स्तोत्रों से वे इस की प्रशंसा कर हहे हैं. वे भेड़ के बाल से बनी छलनी से इसे छान रहे हैं. इसे छानने वाले ऋत्विज्‌ शक्तिमान, हृष्टपुष्ट और घोड़े जैसे बलवान हैं. (७)
Brahmins are sanctifying Ritvij Someras. They are praising it from the psalms. They are filtering it with a sieve made of sheep's hair. The Ritvijas who filter it are powerful, strong and strong like horses. (7)