सामवेद (अध्याय 27)
मर्माणि ते वर्मणा च्छादयामि सोमस्त्वा राजामृतेनानु वस्ताम् । उरोर्वरीयो वरुणस्ते कृणोतु जयन्तं त्वानु देवा मदन्तु ॥ (२२)
हे इंद्र! हम आप के मर्म स्थानों को कवच से ढकते हैं. राजा सोम आप को अमृतमय बनाने की कृपा करें. वरुण आप को सुख प्रदान करने की कृपा करें. देवता आप को प्रसन्नता प्रदान करें. (२२)
O Indra! We cover your heartlands with armor. Please King Som to make you nectar. Varuna, please give you happiness. May the gods give you happiness. (22)