हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 5.10.6

अध्याय 5 → खंड 10 → मंत्र 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 5)

सामवेद: | खंड: 10
पवस्व देववीतय इन्दो धाराभिरोजसा । आ कलशं मधुमान्त्सोम नः सदः ॥ (६)
हे सोम! देवताओं के पीने के लिए आप जल्दी से धाराधार हो कर छनिए. आप मदकारी हैं. आप हमारे कलश में विराजिए. (६)
O Mon! You quickly get down to the stream for the gods to drink. You are an alcoholic. You sit in our urn. (6)