हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 5.3.8

अध्याय 5 → खंड 3 → मंत्र 8 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 5)

सामवेद: | खंड: 3
स पवस्व य आविथेन्द्रं वृत्राय हन्तवे । वव्रिवाँसं महीरपः ॥ (८)
हे सोम! आप जल रोकने वाले वृत्रासुर को मारने के लिए इंद्र का उत्साह बढ़ाइए. आप अपनी धाराओं से कलश को पूर्ण कर दीजिए. (८)
O Mon! You increase Indra's enthusiasm to kill Vritrasura, who stops water. You complete the urn with your streams. (8)