हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 5.4.6

अध्याय 5 → खंड 4 → मंत्र 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 5)

सामवेद: | खंड: 4
अनु प्रत्नास आयवः पदं नवीयो अक्रमुः । रुचे जनन्त सूर्यम् ॥ (६)
पुराने समय में लोगों ने श्रेष्ठ स्थान पाने के लिए सूर्य के समान तेजस्वी सोम को उत्पन्न किया. (६)
In the olden times, people created a bright Som like the sun to get the best place. (6)