हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 7.2.11

अध्याय 7 → खंड 2 → मंत्र 11 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 7)

सामवेद: | खंड: 2
इन्द्राग्नी जरितुः सचा यज्ञो जिगाति चेतनः । अया पातमिमँ सुतम् ॥ (११)
हे अग्नि! हे इंद्र! आप यजमान पर कृपा कीजिए. आप उन की मदद कीजिए. सोमरस चेतनादायी है. उस से हम यज्ञ करते हैं. आप उस सोमरस को ग्रहण करने की कृपा कीजिए. (११)
O agni! O Indra! Please please host. You help them. Somerus is enlightening. From that we perform yajna. Please accept that someras. (11)