हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 1.119.9

मंडल 1 → सूक्त 119 → श्लोक 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 1)

ऋग्वेद: | सूक्त: 119
उ॒त स्या वां॒ मधु॑म॒न्मक्षि॑कारप॒न्मदे॒ सोम॑स्यौशि॒जो हु॑वन्यति । यु॒वं द॑धी॒चो मन॒ आ वि॑वास॒थोऽथा॒ शिरः॒ प्रति॑ वा॒मश्व्यं॑ वदत् ॥ (९)
मधुभक्षिका ने तुम्हारी मधुयुक्त स्तुति की. मैं उशिज का पुत्र कक्षीवान्‌ तुम्हें सोमरसपान से आनंदित होने के लिए बुलाता हूं. तुमने दधीचि का मन सेवा से प्रसन्न किया था. उसके अश्वशिर ने तुम्हें मधुविद्या का उपदेश किया. (९)
The bee-bhaktika praised you with honey. I call you to rejoice with sommerspan, the son of Ushij. You had pleased the mind of Dadhichi with the service. His horseman preached to you the beesaw. (9)