हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 10.157.4

मंडल 10 → सूक्त 157 → श्लोक 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 10)

ऋग्वेद: | सूक्त: 157
ह॒त्वाय॑ दे॒वा असु॑रा॒न्यदाय॑न्दे॒वा दे॑व॒त्वम॑भि॒रक्ष॑माणाः ॥ (४)
देवगण शत्रुओं को मारकर जब लौटे, तब उनकी अमरता की रक्षा हुई. (४)
When the Devas returned after killing the enemies, their immortality was protected. (4)