हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 2.41.3

मंडल 2 → सूक्त 41 → श्लोक 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 2)

ऋग्वेद: | सूक्त: 41
शु॒क्रस्या॒द्य गवा॑शिर॒ इन्द्र॑वायू नि॒युत्व॑तः । आ या॑तं॒ पिब॑तं नरा ॥ (३)
हे नेता इंद्र और वायु! तुम आज नियुतों के साथ गव्य मिले सोम पीने के लिए आओ. (३)
O leader Indra and Air! You come to drink the som you met gavya with the appointed ones today. (3)