ऋग्वेद (मंडल 3)
वि॒श्वामि॑त्रा अरासत॒ ब्रह्मेन्द्रा॑य व॒ज्रिणे॑ । कर॒दिन्नः॑ सु॒राध॑सः ॥ (१३)
हम विश्वामित्र के पुत्रों ने वज्रधारी इंद्र का स्तोत्र किया. इंद्र हमें शोभन धन वाला करें. (१३)
We, the sons of Vishwamitra, performed the hymn of thunderbolt carrying Indra. Indra make us have divine wealth. (13)