हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 7.66.6

मंडल 7 → सूक्त 66 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 7)

ऋग्वेद: | सूक्त: 66
उ॒त स्व॒राजो॒ अदि॑ति॒रद॑ब्धस्य व्र॒तस्य॒ ये । म॒हो राजा॑न ईशते ॥ (६)
मित्रादि देव एवं अदिति हिंसा-रहित यज्ञ के स्वामी हैं. वे धन के भी स्वामी हैं. (६)
Mitradi Dev and Aditi are the masters of violence-free yagnas. They are also the masters of wealth. (6)