हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.23.29

मंडल 8 → सूक्त 23 → श्लोक 29 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 23
त्वं हि सु॑प्र॒तूरसि॒ त्वं नो॒ गोम॑ती॒रिषः॑ । म॒हो रा॒यः सा॒तिम॑ग्ने॒ अपा॑ वृधि ॥ (२९)
हे अग्नि! तुम शोभन दाता हो. हमें पशुओं से युक्त अन्न एवं देने योग्य महान्‌ धन दो. (२९)
O agni! You are a behobhna giver. Give us food with animals and great wealth to give. (29)