हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.81.20

मंडल 8 → सूक्त 81 → श्लोक 20 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 81
यस्मि॒न्विश्वा॒ अधि॒ श्रियो॒ रण॑न्ति स॒प्त सं॒सदः॑ । इन्द्रं॑ सु॒ते ह॑वामहे ॥ (२०)
जिन इंद्र में सभी कांतियां आश्रित हैं एवं सात होताओं का समूह जिन्हें सोमरस देकर प्रसन्न होता है, उन इंद्र को मैं सोमरस निचुड़ जाने पर बुलाता हूं. (२०)
I call indra in whom all the kantis are dependents and a group of seven to whom somers are pleased to give, when I go to somers nichur. (20)