हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.82.6

मंडल 8 → सूक्त 82 → श्लोक 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 82
ये सोमा॑सः परा॒वति॒ ये अ॑र्वा॒वति॑ सुन्वि॒रे । सर्वा॒ँस्ताँ इ॑न्द्र गच्छसि ॥ (६)
हे इंद्र! समीपवर्ती अथवा दूरवर्ती स्थानों में जो सोमरस निचोड़ा जाता है, तुम उस सबके सामने जाते हो. (६)
O Indra! You go in front of all the somras that are squeezed in nearby or distant places. (6)