हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.83.4

मंडल 8 → सूक्त 83 → श्लोक 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 83
अस्ति॒ सोमो॑ अ॒यं सु॒तः पिब॑न्त्यस्य म॒रुतः॑ । उ॒त स्व॒राजो॑ अ॒श्विना॑ ॥ (४)
यह सोम निचोड़ा गया है. स्वयं तेजस्वी मरुद्गण एवं अश्विनीकुमार उसका अंश पीते हैं. (४)
It's been som squeezed. Tejasvi Marudgana and Ashwinikumar themselves drink part of it. (4)