हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.103.4

मंडल 9 → सूक्त 103 → श्लोक 4 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 103
परि॑ णे॒ता म॑ती॒नां वि॒श्वदे॑वो॒ अदा॑भ्यः । सोमः॑ पुना॒नश्च॒म्वो॑र्विश॒द्धरिः॑ ॥ (४)
स्तुतियों के नेता, सबके देव, अहिंसित एवं हरे रंग के सोम रस निचोड़ने वाले तख्तों पर बैठते हैं. (४)
The leaders of the praises, the gods of all, sit on the planks squeezing non-violent and green mon rasa. (4)