हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 109
परि॒ प्र ध॒न्वेन्द्रा॑य सोम स्वा॒दुर्मि॒त्राय॑ पू॒ष्णे भगा॑य ॥ (१)
हे स्वादिष्ट सोम! तुम इंद्र, मित्र, वरुण, पूषा और भग नामक देवों के लिए पात्रों में टपको. (१)
O yummy Mon! You tap into characters for the gods named Indra, Mitra, Varuna, Pusha and Bhaga. (1)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 109
इन्द्र॑स्ते सोम सु॒तस्य॑ पेयाः॒ क्रत्वे॒ दक्षा॑य॒ विश्वे॑ च दे॒वाः ॥ (२)
हे निचोड़े हुए सोम! इंद्र ज्ञान और बल पाने के लिए तुम्हारा रस पिएं. सारे देव तुम्हारा रस पिएं. (२)
O squeezed Mon! Drink your juice to gain wisdom and strength. Let all the gods drink your juice. (2)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 109
ए॒वामृता॑य म॒हे क्षया॑य॒ स शु॒क्रो अ॑र्ष दि॒व्यः पी॒यूषः॑ ॥ (३)
हे दीप्तिशाली, दिव्य एवं देवों के पीने योग्य सोम! तुम हमें अमर बनाने एवं विशाल घर देने के लिए छनो. (३)
O radiant, divine and drinkable mon of the gods! You sprinkle to make us immortal and give us huge houses. (3)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 109
पव॑स्व सोम म॒हान्स॑मु॒द्रः पि॒ता दे॒वानां॒ विश्वा॒भि धाम॑ ॥ (४)
हे महान्‌, रस बहाने वाले एवं सबके पालक सोम! तुम देवों के सभी शरीरों को लक्ष्य करके शुद्ध बनो. (४)
O great, the juice-shedding and the guardian of all, Mon! Be pure by you targeting all the bodies of the gods. (4)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 109
शु॒क्रः प॑वस्व दे॒वेभ्यः॑ सोम दि॒वे पृ॑थि॒व्यै शं च॑ प्र॒जायै॑ ॥ (५)
हे सोम! तुम दीप्तिशाली बनकर देवों के लिए छनो तथा द्यावा-पृथिवी और प्रजा को सुख दो. (५)
Hey Mon! You become a bright one and give happiness to the gods and to the people. (5)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 109
दि॒वो ध॒र्तासि॑ शु॒क्रः पी॒यूषः॑ स॒त्ये विध॑र्मन्वा॒जी प॑वस्व ॥ (६)
हे दीप्तिशाली, पीने योग्य, स्वर्गलोक के धारणकर्तता एवं शक्तिशाली सोम! तुम इस सच्चे यज्ञ में टपको. (६)
O glorious, potable, possessive and mighty soma of paradise! You plunge into this true yajna. (6)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 109
पव॑स्व सोम द्यु॒म्नी सु॑धा॒रो म॒हामवी॑ना॒मनु॑ पू॒र्व्यः ॥ (७)
हे यशस्वी, शोभनधाराओं वाले एवं प्राचीन सोम! तुम भेड़ के बालों से बने दशापवित्र के छिद्रों से होकर बहो. (७)
O successful, blessed and ancient Mon! You flow through the pores of dasapovithra made of sheep's hair. (7)

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 109
नृभि॑र्येमा॒नो ज॑ज्ञा॒नः पू॒तः क्षर॒द्विश्वा॑नि म॒न्द्रः स्व॒र्वित् ॥ (८)
ऋत्विजों द्वारा संयमित, उत्पन्न, पवित्र, मोदयुक्त एवं सबको जानने वाले सोम हमें सब धन दें. (८)
May the mons, who are restrained, created, sanctified, and known to all by the ritwijas, give us all the wealth. (8)
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