हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 9.41.3

मंडल 9 → सूक्त 41 → श्लोक 3 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 9)

ऋग्वेद: | सूक्त: 41
श‍ृ॒ण्वे वृ॒ष्टेरि॑व स्व॒नः पव॑मानस्य शु॒ष्मिणः॑ । चर॑न्ति वि॒द्युतो॑ दि॒वि ॥ (३)
सोम का शब्द वर्षा के समान सुनाई देता है तथा निचुड़ते हुए एवं शक्तिशाली सोम की दीप्तियां अंतरिक्ष में चलती हैं. (३)
The word Som sounds like rain and the glow of the destitute and powerful Som moves in space. (3)