हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 13.7.2

अध्याय 13 → खंड 7 → मंत्र 2 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 13)

सामवेद: | खंड: 7
वसुरग्निर्वसुश्रवा अच्छा नक्षि द्युमत्तमो रयिं दाः ॥ (२)
हे अग्नि! आप सब से धनी और सब के शरणदाता हैं. आप आसानी से हमारे पास पधारिए. आप दयुमान (तेजस्वी) होइए व हमें धन दीजिए. (२)
O agni! You are the richest and the refuge of all. You come to us easily. You be dyuman (tejashwi) and give us money. (2)