हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 14.3.11

अध्याय 14 → खंड 3 → मंत्र 11 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 14)

सामवेद: | खंड: 3
य इद्ध आविवासति सुम्नमिन्द्रस्य मर्त्यः । द्युम्नाय सुतरा अपः ॥ (११)
हे इंद्र! जो मनुष्य अच्छे मन से आप की उपासना करते हैं. आप उन के लिए स्वर्गलोक से जल बरसाने की कृपा कीजिए. (११)
O Indra! People who worship you with a good heart. Please shower water from heaven for them. (11)