सामवेद (अध्याय 14)
य इद्ध आविवासति सुम्नमिन्द्रस्य मर्त्यः । द्युम्नाय सुतरा अपः ॥ (११)
हे इंद्र! जो मनुष्य अच्छे मन से आप की उपासना करते हैं. आप उन के लिए स्वर्गलोक से जल बरसाने की कृपा कीजिए. (११)
O Indra! People who worship you with a good heart. Please shower water from heaven for them. (11)