हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 16.11.10

अध्याय 16 → खंड 11 → मंत्र 10 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 16)

सामवेद: | खंड: 11
पवस्व सोम महे दक्षायाश्वो न निक्तो वाजी धनाय ॥ (१०)
हे सोम! आप पवित्र हैं. आप शत्रुनाशक हैं. आप धन और बल के लिए पात्र में पधारिए. आप घोड़े जैसे वेगवान और बलवान हैं. (१०)
O Mon! You are holy. You are an enemy destroyer. You come in the worthy for money and strength. You are as fast and strong as a horse. (10)