हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 21.2.9

अध्याय 21 → खंड 2 → मंत्र 9 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 21)

सामवेद: | खंड: 2
अच्छा नः शीरशोचिषं गिरो यन्तु दर्शतम् । अच्छा यज्ञासो नमसा पुरूवसुं पुरुप्रशस्तमूतये ॥ (९)
हे अग्नि! आप दर्शनीय व लपटों वाले हैं. हमारी वाणियां शीघ्र आप तक पहुंचें. आप यज्ञ में हमारा मार्ग प्रशस्त कीजिए. हम यज्ञ में आप को नमन करते हैं. आप बहुत प्रशंसनीय हैं. आप भलीभांति प्रज्वलित हैं. (९)
O agni! You are visible and light. Let our promises reach you soon. You pave our way in the yagna. We bow to you in the yagna. You are very appreciative. You are well lit. (9)