सामवेद (अध्याय 22)
इन्द्रो मह्ना रोदसी पप्रथच्छव इन्द्रः सूर्यमरोचयत् । इन्द्रे ह विश्वा भुवनानि येमिर इन्द्रे सुवानास इन्दवः ॥ (४)
हे इंद्र! आप महान हैं. आप ने स्वर्गलोक और पृथ्वीलोक का फैलाव किया. आप ने सूर्य को प्रकाश से चमकाया. आप ने सकल भुवनों को शरण दी. हम आप के लिए सोमरस भेंट करते हैं. (४)
O Indra! You are great. You spread paradise and earth. You made the sun shine with light. You gave shelter to the sakal bhuvanas. We present somers to you. (4)