सामवेद (अध्याय 26)
ऊर्ध्वो गन्धर्वो अधि नाके अस्थात्प्रत्यङ्चित्रा बिभ्रदस्यायुधानि । वसानो अत्कँ सुरभिं दृशे कँ स्व३र्ण नाम जनत प्रियाणि ॥ (१४)
हे वेन! आप ऊंचे स्वर्गलोक के पास रहते हैं. आप अद्भुत आयुध धारण कर के सुशोभित होते हैं. आप सूर्य की तरह प्राणियों के लिए जल धारण कर के उसे बरसाते हैं. (१४)
Hey Wayne! You live near the high heavens. You are adorned by wearing amazing armaments. You wear water for creatures like the sun and shower it. (14)