हरि ॐ

सामवेद (Samved)

सामवेद 5.2.6

अध्याय 5 → खंड 2 → मंत्र 6 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

सामवेद (अध्याय 5)

सामवेद: | खंड: 2
असृक्षत प्र वाजिनो गव्या सोमासो अश्वया । शुक्रासो वीरयाशवः ॥ (६)
हे सोम! आप बलवान, बल देने वाले एवं वेगवान हैं. यजमान ने गायों, घोड़ों और पुत्रों को पाने की इच्छा से आप को निचोड़ा है. (६)
O Mon! You are strong, strong and fast. The host has squeezed you out of the desire to get cows, horses and sons. (6)