ऋग्वेद (मंडल 5)
मा वो॑ र॒सानि॑तभा॒ कुभा॒ क्रुमु॒र्मा वः॒ सिन्धु॒र्नि री॑रमत् । मा वः॒ परि॑ ष्ठात्स॒रयुः॑ पुरी॒षिण्य॒स्मे इत्सु॒म्नम॑स्तु वः ॥ (९)
हे मरुतो! रसा, अनितभा एवं कुभा नाम की नदियां एवं सभी जगह जाने वाली सिंधु तुम्हें न रोके. जलपूर्ण सरयू नदी तुम्हें न रोके. तुम्हारे आने का सुख हमें प्राप्त हो. (९)
O Maruto! The rivers named Rasa, Anitbha and Kubha and the Indus that go all over the place should not stop you. Let the watery Saryu river stop you. May we have the joy of your coming. (9)