हरि ॐ

ऋग्वेद (Rigved)

ऋग्वेद 8.77.1

मंडल 8 → सूक्त 77 → श्लोक 1 - संस्कृत मंत्र, हिंदी अर्थ और English translation

ऋग्वेद (मंडल 8)

ऋग्वेद: | सूक्त: 77
तं वो॑ द॒स्ममृ॑ती॒षहं॒ वसो॑र्मन्दा॒नमन्ध॑सः । अ॒भि व॒त्सं न स्वस॑रेषु धे॒नव॒ इन्द्रं॑ गी॒र्भिर्न॑वामहे ॥ (१)
हम दर्शनीय, शत्रुओं को पराजित करने वाले, निवासस्थान देने वाले एवं सोमरस पीकर प्रसन्न बने हुए इंद्र को स्तुतियों द्वारा इस प्रकार बुलाते हैं, जिस प्रकार गाएं गोशाला में इंद्र को बुलाती हैं. (१)
We call Indra, who is visible, defeats enemies, gives residence and is happy by drinking someras, in such a way that cows call Indra in the gaushala. (1)